क़ब्र पर बाद दफ़न अजान देना जाइज़ है!
हदीस और फ़िक़हे इबारत से इसका सुबूत
मिश्कात शरीफ किताबुल जनाइज़ बाब मा युकालु इन्दा मिन हाज़रेहिल मौत स. 140 )
अपने मुर्दो को सिखाओ ल इलाहा इल्लल्लाहु
दुनियावी जिंदगी खत्म होने पर इंसान के लिया 2 बड़े खतरनाक वक़्त है एक तो जाकानी का और दूसरा सवालाते कब्र बाद दफ़न का अगर जाकानी के वक़्त ख़ात्मा बिल खेर नसीब न हुआ तो उम्र भर का क्या धरा सब बर्बाद गया और अगर कब्र के इम्तिहान में नाकामी हुई तो आइन्दा की जिंदगी बर्बाद हुई दुनिया में तो अगर एक साल इम्तिहान में फेल हो गए तो साल आइन्दा दे लो मगर वह यह भी नहीं इसलिए जिन्दो को चाहिए इनदोनो वक़्तों में मरने वाले की इमदाद करे की मरते वक़्त कलिमा पढ पढ कर सुनाए और बाद दफ़न उस तक कलिमा की आवाज़ पहुचाए की उस वक़्त वो कलिमा पढ कर दुनिया से जाए और इस इम्तिहान में कामियाब हो लिहाज़ा इस हदीस के दो माना हो सकते है एक तो यह की मर रहा हो उसको कलिमा सिखाओ दूसरा यह की जो मर चूका हो उसको कलिमा सिखाओ पहले मानी मजाज़ी है और दूसरे हक़ीक़ी और बिल जरुरत मानी मजाज़ी लेना ठीक नहीं लिहाज़ा इस हदीस का यही तरज़मा हुआ की अपने मुर्दो को कलमा सिखाओ और यह वक़्त दफ़न के बाद का है
शामी जिल्द 1 बाबुदफन बहस तलकीन बादल मोत में है : अहले सुन्नत के नज़दीक यह हदीस अपने हक़ीक़ी माना पर महमूल है और हुज़ूर सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम से रिवायत है की अपने दफ़न के बाद तलक़ीन करने का हुकुम दिया पास कब्र पर कहे की ए फला के बेटे तू उस दिन को याद कर जिस पर था ! शामी में इसी जगह है
दफ़न के बाद तलकीन करने से मना नहीं करना चाहिए क्युकी इसमें कोई नुक्सान तो हे नहीं बल्कि इसमें नफा है मैयत जिक्रे इलाही से उन्स हासिल करती है जैसा की हदीस में आया हे इस हदीस और इन इबारत से मालूम हुआ की दफन ए मैयत के बाद उसको कलिमा तैयबा की तलकीन मुस्तहब है ताकि मुर्दा सवालात में कामियाब हों और अजान में भी कलिमा है लिहाज़ा यह तलकीन ए मैयत है मुस्तहब है बल्कि अज़ान में पूरी तलकीन है क्युकि नक़ीरेंन मैयत से 3 सवाल करते है
1 तेरा रब कौन
2 तेरा दीन क्या है
3 इस सुनहरी जाली वाले सब्ज गुम्बंद वाले आक़ा को तू क्या कहता है
पहले सवाल का जवाब हुआ:अश्हदु अन ला इलाहा इल्लल्लाहु
दूसरे का जवाब हुआ : हैय्या अलस्सलाते यानि मेरा दीन वह है जिसमे 5 नमाज़े फ़र्ज़ है (इस्लाम के सिवा किसी में 5 नमाज़ नहीं है )
तीसरा सवाल का जवाब हुआ : अश्हदु अन्ना मोहम्मदुर्रसूलल्लाह !
दूरे मुख्तार जिल्द 1 बाबुल अज़ान में है : दस जगह अज़ान कहना सुन्नत है जिसको यू फ़रमाया नमाज़ पंजगना के लिया बच्चो के कान में!आग लगते के वक़्त जब की जंग वाके हो
तर्जमा : नमाज़ के सिवा चन्द जग़ह अज़ान देना सुन्नत है बच्चे के कान मे , जमज़दा के, मिर्गी वाले के, गुस्सा वाले के कान में जिस जानवर या आदमी की आदत खराब हो उसके सामने ,लश्करो के जंग के वक़्त ,आग लग जाने के वक़्त, मैयत को कब्र में उतारते वक़्त , उसके पैदा होने पर क़यास करते हुए लेकिन इस अज़ान के सुन्नत होने का इब्ने हज़र रहमतुल्लाह इंकार किया है
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क़बर परस्तो आपका वली ज़िंदा है तो बताइए उसे मौत कब आएगी،?
👆🏽👆🏽👆🏽
*Al jawab*
qabr parasti ki tareef Kya hai ???
wahaban ka qabr par Jana jaiz
ba hawala albani sab
ye qabr parasti kaise karti hai ???
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
🔸क़ुरआन कहता है कि हर नफ़्स को मौत आनी है।🔸
🔹कुल्लु नफ्सिन ज़ायकतुल माैत🔹
(सुरा नः - 3)
(आयत नः - 185)
👆🏽👆🏽👆🏽
*Al jawab*
iska inkar kisne Kiya aur Kya baad Wisaal k shohdah Zinda nahi ???
Quran sure Al Imran
وَلَا تَحْسَبَنَّ الَّذِينَ قُتِلُوا فِي سَبِيلِ اللَّـهِ أَمْوَاتًا ۚ بَلْ أَحْيَاءٌ عِندَ رَبِّهِمْ يُرْزَقُونَ ﴿١٦٩﴾
اور جو اللہ کی راہ میں مارے گئے ہر گز انہیں مردہ نہ خیال کرنا، بلکہ وہ اپنے رب کے پاس زندہ ہیں روزی پاتے ہیں
👆🏽 baad Wisaal k hi to Allah farmata hai Murda na kaho
fir tumhe inkar q ???
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
♦️पैगाम ऐ मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैही व सल्लम रहमतुल्ललिल आलमीन का इरशाद है:👇
🔹1.) कब्रो को सज्दा करना हराम है।🔹
(सहीह बुखारी 1330)
(अबु दाऊद 3227)
👆🏽👆🏽👆🏽
*Al jawab*
iska shohdah Zinda nahi se Kya talluq ???
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
🔹2.) कब्रो को पुख्ता पक्का करना हराम है।🔹
(सहीह मुस्लिम 2247)
(अबु दाऊद 3225)
👆🏽👆🏽👆🏽
*Al jawab*
qabr ki tareef Kya hai aur gar upar ki imarat ko qabr kehte hai to ibne taymiyah ki q choda Gaya Jo damuscus me hai ???
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
🔹3.) कब्रो पर लिखना हराम है।🔹
(अबु दाऊद 3236)
(इब्ने माजह 1563)
🔹4.) कब्रो पर मोमबती दिए चराग जलाना हराम है।🔹
(सुनन नसाई 2047)
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*Al jawab*
iska bhi shohdah Zinda nahi se koi talluq nahi 😂
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🔹5.) कब्रो पर उर्स मेले लगाना हराम है।🔹
(अबु दाऊद 2042)
(मुसनद अहमद 8710)
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*Al jawab*
Jaan Lena Chahiye K Jab Mehboobane Khuda Ka Visal Hota Hai To Mehboobe Haqeeqe Se Unki Mulaqat Hoti Hai Aur Nakirain (Qabr K Sawalo Jawab K Fariste)K Sawlo Jawab K Ba-ad Unhe Kaha Jata Hai " Namm Kanau-matul Uruus " Yani Soja Jaise Dulha Sota Hai "
Ese Ko Uoroos Kaha Jata Hai Yanii Un K Khusiyo Ka Din Aur Salana Un k Visal K Din Unki Qabr Ki Ziyarat Karna Un K liye Esale Sawab Karna Un Ki Yaad Karna YAUME URS Kaha Jata Hai..Ab Dekhe Ess K Muttaliq Aqa E Kareem O Sahaba E Kiram Ka Kya Amal Raha Hai...
Tajdare Ambiya Sallallahu Tabarak Taala Alyhe Wasallam Har Saal Shohda Ki Qabro Par Jate Aur Sallam Pesh Karte Aur Yu Farmate Tum Par Sallam Ho Aur Tumne Sabr Kiya Paas Aakhirat Ka Ghar Kaisa Accha Hai .
Hazrate AbooBaker Hazrate Umar Hazrate Usman Bhi Aaesa Hi Kiya Karte
📚 Sarhe Sudoor 210 ★Tafsere Jamae Ul Bayan 13/92 ★ Ibne Kaseer 2/891
★ Tafsere Kabeer 19/45
★ Qaurtabi 313 ★ Tafsere Roohul Maani 8/145
★ Musanaf Abdul Razzak H No 2816
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🔹कब्रो पर मुजावर बनकर बैठना हराम है।🔹
(सहीह बुखारी 3325)
(सहीह मुस्लिम 2245)
🔹कब्रो की तरफ रुख मुँह करके नमाज पढ़ना हराम है।🔹
(सहीह मुस्लिम 2250)
[अबू दाऊद 3221]
🔹कब्रो पर ज़िबह करना हराम मुर्गा बकरा गाय वगैरा।🔹
(अबु दाऊद 3222)
(मुसनद अहमद 125)
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*Al jawab*
lafze mujawar Hadith me kaha hai ???
Kya qabro ko AAP qaba jante hai Jo us taraf mooh karte hai ya fir ahle sunnat k kis aulma ne aisa likha hai ???
qabro par na Kare balki qabr ka aihtram Kare magar wahabi qabr ka aihtram Kya Jane wo todna jante hai khilafe sunnat
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
♦️वफात से 5 पाँच दिन पहले नबी सल्लाहो अल्लेही व् सल्लम का अपनी उम्मत को वसीयतयह: "बात गौर से सुनलो तुमसे पहले काैमे अपने अम्बिया ऐ किराम की और नेक लोगो की कब्रो को सज्दा गाह बना लेती थी खबरदार तुम हरगिज कब्रो को सज्दा गाह न बनाना, मैं तुम्हे इस बात से मना कर रहा हँ"।
(सहीह मुस्लिम 1188)
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sahi hai aisa mat karo yahudiyo ki tarah
balki musalman yaani maslak e aala hazrat radi Allah tala anhu par raho Jo aaj k daur me deene haq ki pehchan hai
हदीस और फ़िक़हे इबारत से इसका सुबूत
मिश्कात शरीफ किताबुल जनाइज़ बाब मा युकालु इन्दा मिन हाज़रेहिल मौत स. 140 )
अपने मुर्दो को सिखाओ ल इलाहा इल्लल्लाहु
दुनियावी जिंदगी खत्म होने पर इंसान के लिया 2 बड़े खतरनाक वक़्त है एक तो जाकानी का और दूसरा सवालाते कब्र बाद दफ़न का अगर जाकानी के वक़्त ख़ात्मा बिल खेर नसीब न हुआ तो उम्र भर का क्या धरा सब बर्बाद गया और अगर कब्र के इम्तिहान में नाकामी हुई तो आइन्दा की जिंदगी बर्बाद हुई दुनिया में तो अगर एक साल इम्तिहान में फेल हो गए तो साल आइन्दा दे लो मगर वह यह भी नहीं इसलिए जिन्दो को चाहिए इनदोनो वक़्तों में मरने वाले की इमदाद करे की मरते वक़्त कलिमा पढ पढ कर सुनाए और बाद दफ़न उस तक कलिमा की आवाज़ पहुचाए की उस वक़्त वो कलिमा पढ कर दुनिया से जाए और इस इम्तिहान में कामियाब हो लिहाज़ा इस हदीस के दो माना हो सकते है एक तो यह की मर रहा हो उसको कलिमा सिखाओ दूसरा यह की जो मर चूका हो उसको कलिमा सिखाओ पहले मानी मजाज़ी है और दूसरे हक़ीक़ी और बिल जरुरत मानी मजाज़ी लेना ठीक नहीं लिहाज़ा इस हदीस का यही तरज़मा हुआ की अपने मुर्दो को कलमा सिखाओ और यह वक़्त दफ़न के बाद का है
शामी जिल्द 1 बाबुदफन बहस तलकीन बादल मोत में है : अहले सुन्नत के नज़दीक यह हदीस अपने हक़ीक़ी माना पर महमूल है और हुज़ूर सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम से रिवायत है की अपने दफ़न के बाद तलक़ीन करने का हुकुम दिया पास कब्र पर कहे की ए फला के बेटे तू उस दिन को याद कर जिस पर था ! शामी में इसी जगह है
दफ़न के बाद तलकीन करने से मना नहीं करना चाहिए क्युकी इसमें कोई नुक्सान तो हे नहीं बल्कि इसमें नफा है मैयत जिक्रे इलाही से उन्स हासिल करती है जैसा की हदीस में आया हे इस हदीस और इन इबारत से मालूम हुआ की दफन ए मैयत के बाद उसको कलिमा तैयबा की तलकीन मुस्तहब है ताकि मुर्दा सवालात में कामियाब हों और अजान में भी कलिमा है लिहाज़ा यह तलकीन ए मैयत है मुस्तहब है बल्कि अज़ान में पूरी तलकीन है क्युकि नक़ीरेंन मैयत से 3 सवाल करते है
1 तेरा रब कौन
2 तेरा दीन क्या है
3 इस सुनहरी जाली वाले सब्ज गुम्बंद वाले आक़ा को तू क्या कहता है
पहले सवाल का जवाब हुआ:अश्हदु अन ला इलाहा इल्लल्लाहु
दूसरे का जवाब हुआ : हैय्या अलस्सलाते यानि मेरा दीन वह है जिसमे 5 नमाज़े फ़र्ज़ है (इस्लाम के सिवा किसी में 5 नमाज़ नहीं है )
तीसरा सवाल का जवाब हुआ : अश्हदु अन्ना मोहम्मदुर्रसूलल्लाह !
दूरे मुख्तार जिल्द 1 बाबुल अज़ान में है : दस जगह अज़ान कहना सुन्नत है जिसको यू फ़रमाया नमाज़ पंजगना के लिया बच्चो के कान में!आग लगते के वक़्त जब की जंग वाके हो
तर्जमा : नमाज़ के सिवा चन्द जग़ह अज़ान देना सुन्नत है बच्चे के कान मे , जमज़दा के, मिर्गी वाले के, गुस्सा वाले के कान में जिस जानवर या आदमी की आदत खराब हो उसके सामने ,लश्करो के जंग के वक़्त ,आग लग जाने के वक़्त, मैयत को कब्र में उतारते वक़्त , उसके पैदा होने पर क़यास करते हुए लेकिन इस अज़ान के सुन्नत होने का इब्ने हज़र रहमतुल्लाह इंकार किया है
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क़बर परस्तो आपका वली ज़िंदा है तो बताइए उसे मौत कब आएगी،?
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qabr parasti ki tareef Kya hai ???
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ba hawala albani sab
ye qabr parasti kaise karti hai ???
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🔸क़ुरआन कहता है कि हर नफ़्स को मौत आनी है।🔸
🔹कुल्लु नफ्सिन ज़ायकतुल माैत🔹
(सुरा नः - 3)
(आयत नः - 185)
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*Al jawab*
iska inkar kisne Kiya aur Kya baad Wisaal k shohdah Zinda nahi ???
Quran sure Al Imran
وَلَا تَحْسَبَنَّ الَّذِينَ قُتِلُوا فِي سَبِيلِ اللَّـهِ أَمْوَاتًا ۚ بَلْ أَحْيَاءٌ عِندَ رَبِّهِمْ يُرْزَقُونَ ﴿١٦٩﴾
اور جو اللہ کی راہ میں مارے گئے ہر گز انہیں مردہ نہ خیال کرنا، بلکہ وہ اپنے رب کے پاس زندہ ہیں روزی پاتے ہیں
👆🏽 baad Wisaal k hi to Allah farmata hai Murda na kaho
fir tumhe inkar q ???
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♦️पैगाम ऐ मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैही व सल्लम रहमतुल्ललिल आलमीन का इरशाद है:👇
🔹1.) कब्रो को सज्दा करना हराम है।🔹
(सहीह बुखारी 1330)
(अबु दाऊद 3227)
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*Al jawab*
iska shohdah Zinda nahi se Kya talluq ???
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🔹2.) कब्रो को पुख्ता पक्का करना हराम है।🔹
(सहीह मुस्लिम 2247)
(अबु दाऊद 3225)
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qabr ki tareef Kya hai aur gar upar ki imarat ko qabr kehte hai to ibne taymiyah ki q choda Gaya Jo damuscus me hai ???
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🔹3.) कब्रो पर लिखना हराम है।🔹
(अबु दाऊद 3236)
(इब्ने माजह 1563)
🔹4.) कब्रो पर मोमबती दिए चराग जलाना हराम है।🔹
(सुनन नसाई 2047)
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*Al jawab*
iska bhi shohdah Zinda nahi se koi talluq nahi 😂
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🔹5.) कब्रो पर उर्स मेले लगाना हराम है।🔹
(अबु दाऊद 2042)
(मुसनद अहमद 8710)
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*Al jawab*
Jaan Lena Chahiye K Jab Mehboobane Khuda Ka Visal Hota Hai To Mehboobe Haqeeqe Se Unki Mulaqat Hoti Hai Aur Nakirain (Qabr K Sawalo Jawab K Fariste)K Sawlo Jawab K Ba-ad Unhe Kaha Jata Hai " Namm Kanau-matul Uruus " Yani Soja Jaise Dulha Sota Hai "
Ese Ko Uoroos Kaha Jata Hai Yanii Un K Khusiyo Ka Din Aur Salana Un k Visal K Din Unki Qabr Ki Ziyarat Karna Un K liye Esale Sawab Karna Un Ki Yaad Karna YAUME URS Kaha Jata Hai..Ab Dekhe Ess K Muttaliq Aqa E Kareem O Sahaba E Kiram Ka Kya Amal Raha Hai...
Tajdare Ambiya Sallallahu Tabarak Taala Alyhe Wasallam Har Saal Shohda Ki Qabro Par Jate Aur Sallam Pesh Karte Aur Yu Farmate Tum Par Sallam Ho Aur Tumne Sabr Kiya Paas Aakhirat Ka Ghar Kaisa Accha Hai .
Hazrate AbooBaker Hazrate Umar Hazrate Usman Bhi Aaesa Hi Kiya Karte
📚 Sarhe Sudoor 210 ★Tafsere Jamae Ul Bayan 13/92 ★ Ibne Kaseer 2/891
★ Tafsere Kabeer 19/45
★ Qaurtabi 313 ★ Tafsere Roohul Maani 8/145
★ Musanaf Abdul Razzak H No 2816
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🔹कब्रो पर मुजावर बनकर बैठना हराम है।🔹
(सहीह बुखारी 3325)
(सहीह मुस्लिम 2245)
🔹कब्रो की तरफ रुख मुँह करके नमाज पढ़ना हराम है।🔹
(सहीह मुस्लिम 2250)
[अबू दाऊद 3221]
🔹कब्रो पर ज़िबह करना हराम मुर्गा बकरा गाय वगैरा।🔹
(अबु दाऊद 3222)
(मुसनद अहमद 125)
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*Al jawab*
lafze mujawar Hadith me kaha hai ???
Kya qabro ko AAP qaba jante hai Jo us taraf mooh karte hai ya fir ahle sunnat k kis aulma ne aisa likha hai ???
qabro par na Kare balki qabr ka aihtram Kare magar wahabi qabr ka aihtram Kya Jane wo todna jante hai khilafe sunnat
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♦️वफात से 5 पाँच दिन पहले नबी सल्लाहो अल्लेही व् सल्लम का अपनी उम्मत को वसीयतयह: "बात गौर से सुनलो तुमसे पहले काैमे अपने अम्बिया ऐ किराम की और नेक लोगो की कब्रो को सज्दा गाह बना लेती थी खबरदार तुम हरगिज कब्रो को सज्दा गाह न बनाना, मैं तुम्हे इस बात से मना कर रहा हँ"।
(सहीह मुस्लिम 1188)
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sahi hai aisa mat karo yahudiyo ki tarah
balki musalman yaani maslak e aala hazrat radi Allah tala anhu par raho Jo aaj k daur me deene haq ki pehchan hai
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