बिस्मिल्ला हिर्रह़मा निर्रह़ीम
क़यामत_और_शफाअत
पोस्ट_जरूर_पढे_और_शेयर_करे
हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से मरवी है कि दावत मेंहम हुजूर के साथ थे तो आपकी ख़िदमत में बकरी की दश्त का गोश्त पेश किया गया और यह आपको बहुत पसन्द था आप इसमें से तोड़ कर तनावुल फरमाने लगे और इरशाद फरमाया मैं कयामत के रोज़ सारे इन्सानों का सरदार हूँ तुम जानते हो..??
अल्लाह तआला एक साफ मैदान में सब अगलों और पिछलों को जमा क्यों फरमायेगा..??..
ताके देखने वाला सब को देख सके और सुनाने वाला सब को अपनी आवाज़ सुना सके और सूरज
बिल्कुल इनके नज़दीक आ जायेगा,
इस वक़्त बाज़ लोग कहेंगे क्या तुम देखते नहीं कि किस हाल में हो कैसी मुसीबत में फंस गये हो....???
ऐसे शख्स को तलाश क्यों नहीं करते जो तुम्हारे रब के हुजूर तुम्हारी शफाअत करे कुछ लोग कहेंगे हम सब के बाप आदम अलैहिस्सलाम हैं लिहाज़ा इनकी खिदमत में चलें अर्ज़ करेंगे एै हज़रत आदम आप सब इन्सानों के बाप हैं अल्लाह तआला ने आप को खास अपने दस्तेकुदरत से बनाया और आप में अपनी तरफ की की रुह फुंकी और फरिश्तों से आप के लिये सज़दा कराया और आप को जन्ऩत में ठहराया क्या अपने रब के हुजूर हमारी शिफ़ाअत फ़रमायेंगे..?
हज़रत आदम फ़रमायेगे : मेरा रब आज ऐसा गज़ब व जलाल में है कि ऐसा पहले हुआ न बाद में हो !!
मुझको उसने दरख्त से मना फरमाया था तो मुझसे उसके हुक्म में लग़ज़िश वाके हुई !!...लिहाज़ा मुझको अपनी जान की पडी है मुझको अपनी पडी़ है तुम किसी दूसरेके पास जाओ !!...
तुम हज़रत नूह के पास चले जाओ
तो लोग हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की खि़दमत में हाज़िर होंगे और अर्ज़ करेंगे के एै नूह आप अहले ज़मीन के सबसे पहले रसूल हैं !! और अल्लाह तआला ने आप का नाम अब्दन शकूरा रखा क्या आप देखते नहीं हम किस मुसीबत में हैं क़्या आप देखते नहीं हम किस हाल में पहुँच गये !!....क्या आप अपने रब के हुजूर हमारी शफाअत फरमायेंगे ...??....
वह कहेंगे मेरे रब ने आज ऐसा इज़हारे गज़ब फरमाया है कि ऐसा न इससे पहले फरमाया न बाद में फरमाये अपनी फिक्र है मुझको अपनी जान की पडी है इस रिवायत में बाकी हदीस जिसमें हज़रत इब्राहीम , हज़रत मूसा और हज़रत ईसा के पास जाने का जिक्र है इसको छोड कर फरमाया कि हज़रत नूह अलैहिस्सलाम फरमायेंगे तुम उनके पास जाओ जो मखसूस नबी हैं...
आका ने फरमाया यहाँ तक के लोग मेरे पास आयेंगे मेैं अर्श केनीचे सजदा करुँगा तो मुझसे फरमाया जायेगा एै महबूब अपना सर उठाओ और शफाअत करो ......तुम्हारी_शफाअत_कुबूल_की_जायेगी_और_माँगो_तुमको_अत्ता_फरमाया_जायेगा(यानी जो तुम कहोगे वह होगा)
मुस्लिम_जिल्द_1_सहफा_111,
बुखारी_जिल्द_1_सफाह_470,
तिर्मिजी़_जिल्द_2_सफहा_66
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हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से मरवी है कि दावत मेंहम हुजूर के साथ थे तो आपकी ख़िदमत में बकरी की दश्त का गोश्त पेश किया गया और यह आपको बहुत पसन्द था आप इसमें से तोड़ कर तनावुल फरमाने लगे और इरशाद फरमाया मैं कयामत के रोज़ सारे इन्सानों का सरदार हूँ तुम जानते हो..??
अल्लाह तआला एक साफ मैदान में सब अगलों और पिछलों को जमा क्यों फरमायेगा..??..
ताके देखने वाला सब को देख सके और सुनाने वाला सब को अपनी आवाज़ सुना सके और सूरज
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ऐसे शख्स को तलाश क्यों नहीं करते जो तुम्हारे रब के हुजूर तुम्हारी शफाअत करे कुछ लोग कहेंगे हम सब के बाप आदम अलैहिस्सलाम हैं लिहाज़ा इनकी खिदमत में चलें अर्ज़ करेंगे एै हज़रत आदम आप सब इन्सानों के बाप हैं अल्लाह तआला ने आप को खास अपने दस्तेकुदरत से बनाया और आप में अपनी तरफ की की रुह फुंकी और फरिश्तों से आप के लिये सज़दा कराया और आप को जन्ऩत में ठहराया क्या अपने रब के हुजूर हमारी शिफ़ाअत फ़रमायेंगे..?
हज़रत आदम फ़रमायेगे : मेरा रब आज ऐसा गज़ब व जलाल में है कि ऐसा पहले हुआ न बाद में हो !!
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तुम हज़रत नूह के पास चले जाओ
तो लोग हज़रत नूह अलैहिस्सलाम की खि़दमत में हाज़िर होंगे और अर्ज़ करेंगे के एै नूह आप अहले ज़मीन के सबसे पहले रसूल हैं !! और अल्लाह तआला ने आप का नाम अब्दन शकूरा रखा क्या आप देखते नहीं हम किस मुसीबत में हैं क़्या आप देखते नहीं हम किस हाल में पहुँच गये !!....क्या आप अपने रब के हुजूर हमारी शफाअत फरमायेंगे ...??....
वह कहेंगे मेरे रब ने आज ऐसा इज़हारे गज़ब फरमाया है कि ऐसा न इससे पहले फरमाया न बाद में फरमाये अपनी फिक्र है मुझको अपनी जान की पडी है इस रिवायत में बाकी हदीस जिसमें हज़रत इब्राहीम , हज़रत मूसा और हज़रत ईसा के पास जाने का जिक्र है इसको छोड कर फरमाया कि हज़रत नूह अलैहिस्सलाम फरमायेंगे तुम उनके पास जाओ जो मखसूस नबी हैं...
आका ने फरमाया यहाँ तक के लोग मेरे पास आयेंगे मेैं अर्श केनीचे सजदा करुँगा तो मुझसे फरमाया जायेगा एै महबूब अपना सर उठाओ और शफाअत करो ......तुम्हारी_शफाअत_कुबूल_की_जायेगी_और_माँगो_तुमको_अत्ता_फरमाया_जायेगा(यानी जो तुम कहोगे वह होगा)
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