वहाबियों के पैदा होने की पेशेनगोई प्यारे आक़ा सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम ने अपने सहाबा से कयामत तक पैदा होने वाले फित्ने के बारे मे पहले ही बता दिया था जिसमे से एक फित्ना वहाबियत का भी था और मुसलमानो को आगाह करदिया था कि अरब के नज्द से फितने पैदा होगें (सबूत)
हदीस एक दिन दरिया ए रहमत सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम ने अल्लाह से दुआ फ़रमाई ऐ अल्लाह हमारे शाम और यमन मे बरकत नाजिल फरमा तभी पीछे बैठे कुछ लोगो ने कहा या रसूलल्लाह हमारे नज्द के लिये भी दुआ कर दीजिये फ़िर हुजूर ने शाम और यमन के लिये दुआ फरमाई पर नज्द का नाम नही लिया फ़िर लोगो ने याद दिलाया लेकिन आप ने दुआ नही फरमाई और आखिर मे कहा मै नज्द के लिये दुआ कैसे फरमाऊंवहां तो जलजले और फितने होंगे और वहां शैतानी गिरोह पैदा होगें
(हवाला बुखारी शरीफ़ जिल्द 2, पेज न. 1051)
हदीस-
हजरत अब्दुल्ला बिन उमर रजियल्लाहो अन्हो से रिवायत है कि हुजूर सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम ने मशरिक की तरफ (नज्द इसी तरफ़ है) रुख करके फ़रमाया कि फितना यहां से उठेगा और शैतान की सींग निकलेगी
(हवाला मुस्लिम शरीफ़ , जिल्द 2 , पेज न.393)
हदीस-
एक गिरोह निकलेगा जिनकी नमाजो और रोजों को देखकर तुम अपनी नमाजों और रोजों को हक़ीर (घटिया) समझोगे वह कुरान पढेगे लेकिन कुरान उनके हलक से नीचे नही उतरेगा! इन सारी जाहिरी खूबियों के बावजूद वह दीन से ऐसे निकल जायेंगे जैसे तीर शिकार से निकल जाता है
(हवाला मिश्कात शरीफ़ ,पेज न. 535)
और हदीसो मे फरमाया की उनकी पहचान सर मुंडाना है और ये निकलते ही रहेंगे यहां तक कि उनकी आखिरी जमात दज्जाल के साथ होगी और ये बुतपरस्तो को छोडेगे और मुसलमानों को कत्ल करेंगे
(हवाला बुखारी शरीफ़,जिल्द 1, किताबुल अंबिया)
नोट आज भी ज्यादातर वहाबी कसरत से सर मुंडाए हुए रहते हैं इन्होंने मक्का और मदीना शरीफ़ पर हमला करके लाखों बेगुनाह मुसलमानो का कत्ल किया
ऊपर बताए गए फरमाने आली के मुताबिक 18वीं शताब्दी की शुरूआतमे यह फितना वजूद मे आ गया |
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हदीस एक दिन दरिया ए रहमत सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम ने अल्लाह से दुआ फ़रमाई ऐ अल्लाह हमारे शाम और यमन मे बरकत नाजिल फरमा तभी पीछे बैठे कुछ लोगो ने कहा या रसूलल्लाह हमारे नज्द के लिये भी दुआ कर दीजिये फ़िर हुजूर ने शाम और यमन के लिये दुआ फरमाई पर नज्द का नाम नही लिया फ़िर लोगो ने याद दिलाया लेकिन आप ने दुआ नही फरमाई और आखिर मे कहा मै नज्द के लिये दुआ कैसे फरमाऊंवहां तो जलजले और फितने होंगे और वहां शैतानी गिरोह पैदा होगें
(हवाला बुखारी शरीफ़ जिल्द 2, पेज न. 1051)
हदीस-
हजरत अब्दुल्ला बिन उमर रजियल्लाहो अन्हो से रिवायत है कि हुजूर सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम ने मशरिक की तरफ (नज्द इसी तरफ़ है) रुख करके फ़रमाया कि फितना यहां से उठेगा और शैतान की सींग निकलेगी
(हवाला मुस्लिम शरीफ़ , जिल्द 2 , पेज न.393)
हदीस-
एक गिरोह निकलेगा जिनकी नमाजो और रोजों को देखकर तुम अपनी नमाजों और रोजों को हक़ीर (घटिया) समझोगे वह कुरान पढेगे लेकिन कुरान उनके हलक से नीचे नही उतरेगा! इन सारी जाहिरी खूबियों के बावजूद वह दीन से ऐसे निकल जायेंगे जैसे तीर शिकार से निकल जाता है
(हवाला मिश्कात शरीफ़ ,पेज न. 535)
और हदीसो मे फरमाया की उनकी पहचान सर मुंडाना है और ये निकलते ही रहेंगे यहां तक कि उनकी आखिरी जमात दज्जाल के साथ होगी और ये बुतपरस्तो को छोडेगे और मुसलमानों को कत्ल करेंगे
(हवाला बुखारी शरीफ़,जिल्द 1, किताबुल अंबिया)
नोट आज भी ज्यादातर वहाबी कसरत से सर मुंडाए हुए रहते हैं इन्होंने मक्का और मदीना शरीफ़ पर हमला करके लाखों बेगुनाह मुसलमानो का कत्ल किया
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