milad un nabi ki haqeeqat

12 rabi-ul-awwal milad-un-nabi ﷺ ki haqeeqat

milad un nabi ﷺ ki haqeeqat

milad un nabi  ki haqeeqat


ईद e मिलाद पर खुशी क्यों न मनाये हम पहले हैम ईद का matalb समाज लेते हैं ईद का lugvi mana है खुशी अगर कोई अरबी खुशी का lafz अरबी में कहेगा तो वो यही कहेगा ईद

इसे समझने के लिए में क़ुरान की एक ayat पेश करता हूँ कहा ➡ 【
عیسیٰ بن مریم نے عرض کی، اے اللہ! اے رب ہمارے! ہم پر آسمان سے ایک خوان اُتار کہ وہ ہمارے لیے عید ہو ہمارے اگلے پچھلوں کی اور تیری طرف سے نشانی اور ہمیں رزق دے اور تو سب سے بہتر روزی دینے والا ہے، 】

Esa aban e mariyam ने अये अल्लाह अये हमारे रब हम पर आसमान से एक khuwan utar के वो khuwan उतारने के दिन हमारे लिए ईद हो हमारे अगलों और pichlo की

🌷 ➡ surah maida ayat 114⤵

इस आयत से मालूम हुआ के जिस दिन अल्लाह की खडस रहमत नाज़िल हो उस दिन को ईद मनना और खुशी मनना अल्लाह का shukar अदा करना ambiya का तरीका है


तभी तो हजरत इस ने दुआ मांगी आप खुद faisa करे के जिस दिन हजरत इस अलैहिस्सलामपैट khuwan के नेमत utry तो वो उन के अगली pichlon के लिए ईद हो तो जिस दिन सारे आलम के लिए जहां के लिए ज़ात रहमत है उन के wiladat हो तो उस दिन मुसलमानओ के लिए यूडी यानी खुशी कैसे न हो!

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हज़रत अल्लामा अली करि miskat की
 Sharh में इमाम raghim के hawale से लफ्ज़ के ईद की वज़ाहत फरमाते हुए लिखते हैं

➡ इमाम raghid ने फरमाये के ईद का lugvi ऐतेबार से उस दिन को कहते हैं जो बार बार लॉरा कर आये और शरीअत को istelat ने ईद उल फितर और ईद उल अज़हा को kahateहैं और जब के ये शरीअत में खुशी मनाने के लिए मुकर्रर किया गया है जिस तरह नबी सल्लल्लाहुअलैहीवसल्लम ने अपने इस फरमान में tambih की है के aitam e mina खाने पीने और azdwajiyat के दिन है लिहाजा ईद का लफ्ज़ हर खुसी के दिन के लिए इस्तेमाल होने लगे mirat ul mafateh कितबुल salat bab ul जुमा देखा अपील हज़रत ने के इतने बड़े इमाम मुल्ला अली qari और इमाम raghib बी farma रहे हैं कि ईद का लफ्ज़ हर खुशी के दिन के लिए इस्तेमाल होता रहा है नबी के muajjam सरापा जुडो कर्म सल्लल्लाहु अलीहवस्सलाम ने farmaya की जुम्मा का दिन सब दिनों का सरदार है अल्लाह के nazdik सबसे बड़ा है और वो अल्लाह के nazdik  ईदुल azha और ईदुल fitar से बड़ा है अल्लाह ने इसी में हज़रते adam अलैहिस्सलाम को पैदा किया इसी में zameen par unhe उतारा और इसी में उन्हें वफात दी,

📃➡ .sunan ibne majah jild 2 page no 8 hadith no 1084 is hadees

में तीन खसलते हज़रते aadam अलैहिस्सलाम के लिए bayan की gai जिस में आप की वफात का भी ज़िक्र है तो पता chala की एल नबी को paidaesh उमके ज़मीन पर उतारना और उनकी wafat के दिन के bawajud भी moamino के लिया अल्लाह ने उसे ईद बना दिया कि वो ईदुल azha और ईद उल fitr से भी अफ़ज़ल कर दिया  tou अम्बिया के सरदार के दो जहां जो कि तमाम अम्बिया के सरदार है उनकी तशरीफ़ आवरी पैट हुम् उस दिन को क्यों ईद न कहे बल्कि hum तौ उसे eido ki ईद कहेंगे कक उनकी तशरीफ़ आवरी की वजह से ही tou हमे बाकी ईद मिली और हर हफ्ते में एक ईद करके पूरे साल में 52 ईदों जुमा का तोहफा आवरी से मिला  woh isi rahmatalil aalamin ki tashrif aavari se mila hai tou hum kyun us din khushi na kare

➡milad me naat parhna


हुज़ूर सल्लल्लाहुअलैहिस्सलाम हज़रत hassan राज़ी अल्लाह अन्हो के लिए मस्जिद के नबवी शरीफ में minbar रखते ओर हज़रत हस्सान उस पर kharey हो कर हुजूर सल्लल्लाहुअलैहिस्सलाम की शान के अक़दस में naatia ashaar पढ़ते थे और हजूर सल्लल्लाहुअलैहिस्सलाम फ़रमाते जब तक hassan मेरे बारे में naatia ओर fakharia ashaar पढ़ाता रहेगा तो beshak अल्लाह ताला roohul uqdas हज़रत जिब्राइल अलैहिस्सलाम के ज़रिए hassan की madad फरमाता है

📚➡ sunan abu dawoodkitab ul adab baab ma jau fishaar jild 5 page 176 hadith no

📚➡ 5015 sunan tirmizikitab ul adabbaab ma jau fi inshadshaar jild 3 page 562561 hadith no 2846

Milad or abu lahab

➡जब हुजूर सल्लल्लाहुअलैहिस्सलाम की wiladat हुई तब अबु lahab की लौंडी साबिया ने अबु lahab से कहा कि तुझे भतीजा हुआ है इस खुशी में अबु लहब ने अपनी उस लौंडी को उंगली के इशारे से आज़द किया था पास जब abu-lahab मार गया तो उस के बाद ahle-e-khana ने उसे khuwab में बुरी हालत में देखा तो उससे पूछा तेरा किया haal है तो abu-lahab ने कहा maine तुम्हारे बाद कोई bhalaaee नाजी पायी लेकिन mujhe उस उंगली से पानी दिया जाता है इस से मैन हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम की wiladat की खुशी में साबिया (abu-lahab की londi ) को आज़ाद किया tha

📚➡ sahih bukhari vol 1 page 153 hadith no 5101 kitaabun nikaah hazrat shaikh abdul haq muhaddis dehlvi alaih rehma nay ma sabta minas sunna main sahih bukhari v1 p153 hadith no 5101 kitabun nikah ki ye hadith naqal farmaya hai

अबु लहब की londi थी जिसका नाम साबिया था उसने सरवर ए दो आलम सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम की पैदाइश पर अबु लहब को कहबार sunnay पर अबु लहब ने sobiyaको आज़ाद कर दिया था तौ अबु लहब के मरने के बाद किसी ने उसे खुवाब में देखा poocha के कहो किआ हाल है तो वो बोला आग में हूँ अलबत्ता इतना  karam है हर पीर की रात मुझे पर तकलीफ doorकर दी जाती है और इशारे से बताया कि अपनी दो उँगलियूं से पानी choos लेता हूँ और यह इनायत मुझे पर इस वजह से है k मुझे सोबिया ने bhatijay की paidaish की कहबार दी थी तो इस बशारत की खुशी में मैंने उसे दो उँगलियूं के इशारे से आज़ाद kardiya और फिर उसने उनसे दूध पिलाया था

➡  ispar अल्लामा jazri अलैह rehma फ़रमाते हैं के जब अबु lahab जैसे काफिर के यह हाल है कि उसको हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम की wiladat की pedaish की रात खुश honey पर दोज़ख़ की आग में भी बदल दिया जा रहा है तो रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम की उम्मत में से उन लोगों के हाल का किआ पूछना जो अप्प की पैदाइश के बयान से खुश होते हैं और जिस कदर भी ताक़त होती है उमकी मुहब्बत में खर्च करते हैं मुझे अपनी उम्र की कसम के उनको jaza   खुद  ए करीम की तरफ़ से यही होगी कि उनको अपने फ़ज़ल ए अमीन यानी fazl ए कामिल से जन्नत un naeem में दाखिल फरमाएगा प्यारे सुन्नी हनफ़ी इस्लामी भाइयों zara गौर करे जब अब लहब को अपनी भतीजे यानी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम  की wiladat पर उन्हें नबी सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम man कर nahi balke अपना भतीजा मां कर khushiya मनाया था तो उसे ये फायदा हुआ कि उसी उंगली से  उसे पानी पिलाया जाता है जिसे उसने अपने  bhatije की विलादत की खुशी में अपनी laundi सोबिया को आज़ाद किया था हम मुसलमान तो नबी सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम maan कर विलादत को खुशी मानते हैं तो सोचो कि हमे अल्लाह की बारगाह से kiya kiya इनाम मिलेगा दुनिया और आख़िरत में

➡ milad khud nabi ne manai ⤵

हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम के ज़माने में मस्जिद-ए- nabwi में मिलाद huyi इसमे खुद हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम ने अपनी विलादत के फ़ाज़िल बयान किये

📚➡ tirmizi sharif jild 2 safa 201

हज़रत abu qatada radiallahuanhu से रिवायत है रसूल-ए-karim सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम से पीर का roza रखने के बारे में सवाल किया gaya तो आप सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम ने फरमाया के isi दिन मेरी विलादत hui और isi दिन mujhe पर quran नाज़िल hua

📚➡ sahih muslim jild 2.hadith no 819 .page 1162nasai al sunane kubra jild 2 hadith 146 page 2777

➡ 12 rabiul awwal par ulma 12 rabi ul awwal⤵

12 rabi ul awwal पर तमाम उलमा के इस्लाम का ijma है कि इस दिन मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम sare आलम के लिए रहमत बनकर दुनिया मे तशरीफ़ लाये और इसी दिन सारी दुनिया मे मुसलमान अपने नबी की विलादत का jashan करते हैं


➡📚refrance 1 ibn -e- ishaq 85-151 h ibn jawzi in al wafa page 872 allama ibn hisham 213 h ibn hisham in as- sirat un nabawiya vol 1 page 158 3 imam ibn jarir tabari 224-310 h tarikh al umam wa al muluk vol 2 page 125 4 allama abu al -hasan ali bin muhammad al mawardi 370-480 h ailam un nabuwwa page 1925 imam al -hafiz abu- ul -fatah al undalasi 671-734 h aayun al asr vol 1 page 33 6 allama ibn khaldun 732-808 h ibn khaldun in at- tarikh vol 2 page 394 7 muhammad as- sadiq ibrahim arjoon muhammad rasoolullah vol 1 page 102 8 shaykh abdul- haq muhadath dehlvi 950-1052 h madarij un nabuwwah vol 2 page 14 9 imam qustallani alaihir rahma al muwahib al laduniya vol 1 page 88

➡ eide milad quran se ⤵

➡1 tum farmao allah hi ke fazal aur usi ki rehmat aur usi par chahiye ke khushiyan kare

🌷➡surah yunus ayat 58

इस ayat में अल्लाह अज़्ज़वाजल ने अपने फ़ज़ल और अपनी rahamat पर खुशिया मनाने का हुक्म दिया है

➡ 2 or humne tumhe na bheja magr rahmat sare jahan k liye

🌷➡surah ambiya ayat 107

इस ayat में अल्लाह अज़्ज़वाजल अपने प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम से farma रहा है कि हमने तुम्हे सिर्फ 1 या 2 आलम के लिए नही बल्कि सारे आलम के लिए रहमत बना कर भेज यहां गौर करे अल्लाह ने नबी सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम को रहमत कहा है और जो पहेली आयात पेश की गई है उसमें अल्लाह ने अपनी रहमत पर खुशी करने का hukum दिया है जो इन आयतों का मुनकिर होंगे जो nabi सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम को अपने लिए अल्लाह की रहमत और nematनही  समझता वो नबी ए पाक सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम की विलादत की खुशी से aitaraz करेगा यानी वो gum मनाएगा नबी सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम की विलादत पर

➡ 3 apne rab ki nemato ka khoob khoob charcha karo

🌷➡ surah duha ayat11

इस ayat में अल्लाह अज़्ज़वाजल ने hume अपनी nemato का चर्चा करने का hukum दिया हर मोअमीन ये जनता है कि अल्लाह अज़्ज़वाजल की सबसे बड़ी और अज़ीम nemat हमारे लिए उसके रसूल सल्लल्लाहुअलैहिस्सलाम है इस बात को samjhaneके लिए में क़ुरान की एक आयात pesh करता हूँ

अल्लाह अज़्ज़वाजल फरमाता है humne मोमिनो पर ahsan किया को जब उनमे अपने रसूल सल्लल्लाहुअलैहिस्सलाम को bhej दिया

➡ sureh al -imran ayat 164

मेरे प्यारे इस्लामी bhaiyon अप सारे क़ुरान pad लीजिये  किसी भी jagah अल्लाह अज़्ज़वाजल ने ये नही कहा के हमने तुम्हे ये नेमत देकर तुमपर ahesan किया है siwae अपने महबूब नबी सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम के इससे malum हुआ कि अल्लाह की सबसे बड़ी nemat हमारे लिए उसके नबी सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम है


➡ milaunnabi par jande lagana

➡ juloos nikalna aur

➡ usme ya rasool allah k nare lagana

जब aaqa सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम hijrat कर के मदीना शरीफ आये तो लोगों ने khoob jashan मनाया नोजवान लड़की अपने chatton पर charh कर और गुलाम khaddam raasto में फिरते थे और naraaey risalat लगते और कहते या रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम)

📚➡ sahih muslim jild 2 page 419


➡jhande lagana⤵

हज़रते amina फरमाती है मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम  की wiladat howi us वक़्त हज़रत जिब्राइल अलैहिस्सलाम ने 3 jhande नसब किये 1 kabe की chat पर इस रिवायत को शाह अब्दुल haq muhaddith दहलवी रहमतुल्लाहअलैह ने अपनी किताब

📚➡ madarijunnabuwa jild 2

में नकल किया है इमाम qastalani का फरमान इमाम qastalani रहिमुल्लाह फ़रमाते हैं चाहिए ईमान वालो की तुम मिलाद-ए-मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम को ईद के तौर पर मनाया करो अल्लाह अपने fazl और ehsan करे un लोगो पर जो rabi ul awwal की raaton को ईद के तौर पर  मनाने से उन दिलों पर और उन लोगो पर ग़ज़ब है जिनके दिलों में बुग़ज़ और मुनाफिकत कि बीमारी है

📚➡imam qastallani al muwahib al luduniya jild no 1 safa no 148

➡ milad or shaitan⤵

Shaitan कहता है कि मैं बरसो जन्नत में रह farishto का सरदार बन गया मगर जब ये aadam नबी paida हुवे तो मेरे लिए बड़ी मुसीबत paida हो गई यह तक कि मुझे जन्नत से भी निकल दिया गया phir  जब जब कोई नबी paida होते हैं वो गुमराहों को सही राह दिखा कर जन्नत में ले जाते और तब तक कि मेरी सारी मेहनत मिट्टी में मिल जाती और आखिर में जब आखिरी नबी मुहम्मद paida हुवे तब तो में इतना रोया जितना पहले जन्नत से निकलने पर रोया था और उसने मेरी तमाम मेहनत पर पानी pher दिया


📚➡ hafidh ibn-kathir in al-bidayah wal nihayah volume no 2 page no 166


↪ NOTE:- अगर ऐसी nishaniya किसी मे दिखाई दे तो समझओ वो शैतान की nasihat ले कर आया है


 निसार teri chahal pahal par हज़ार  eiden rab ul awwal siwa e iblees k jahan  me sabhi to kushiya mana rahe है

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2 Comments

  1. SUPER POST ZBARDAST
    ALLAH AAP KO KHUSH RAKHE ELM ME BE PANAH EZAFAH KARE







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  2. ماشاءاللہ الله عزوجل آپ کے علم میں اضافہ کرے آمین یا رب للعالمین

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